UP School Closed: यूपी के फतेहपुर में नियमों की धज्जियां उड़ा रहे प्राईवेट स्कूल ! शासन के आदेश के बाद भी खुल रहें विद्यालय
Fatehpur News In Hindi
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) में कक्षा 1 से 8 तक के स्कूलों का शीतकालीन (Winter Vacation) अवकाश 31 से 14 जनवरी तक जारी हो चुका है बाउजूद निजी विद्यालयों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है..पढ़ें पूरी रिपोर्ट
UP Fatehpur School News: उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा सचिव ने 26 दिसंबर को सूबे के सभी बीएसए को कक्षा 1 से 8 तक के सभी विद्यालयों में शीतकालीन अवकाश (Winter Vacation) देने के लिए आदेशित किया था.
इससे इतर प्राईवेट विद्यालय नियमों को धता बताते हुए खुले रहें. फतेहपुर (Fatehpur) की बात करें तो 31 दिसंबर को लगभग सभी निजी विद्यालय अपने समय से खुले और बंद भी हुए. इनको सरकारी आदेश से कोई फर्क नहीं पड़ता.
फतेहपुर में भीषण गलन और अवकाश के बीच खुल रहें स्कूल
फतेहपुर (Fatehpur) बीएसए भारती त्रिपाठी (Bharti Tripathi) ने 30 दिसंबर को जिले के सभी परिषदीय, मान्यता प्राप्त, सहायता प्राप्त, सीबीएसई और आईसीएससी बोर्डों से संचालित कक्षा 1 से 8 तक के विद्यालयों को 31 दिसंबर से 14 जनवरी तक शीतकालीन (Winter Vacation) अवकाश के चलते बंद करने का आदेश दिया था.
सरकारी विद्यालयों ने इसे मानते हुए स्कूलों को बंद कर दिया. वहीं निजी विद्यालयों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा. शहर से लेकर जिले के अधिकांश विद्यालय आज पूरा दिन खुले रहे.
भीषण ठंड में स्कूल पहुंचे छोटे बच्चे
पूरा प्रदेश भीषण ठंड और गलन की चपेट में आ चुका है. फतेहपुर को भी इस गलन ने अपने आगोश में ले लिया है. मंगलवार को अधिकतम तामपान में गिरावट देखने को मिली. छोटे बच्चे इस ठिठुरन में स्कूल जाते दिखे.
सूत्रों की माने तो कुछ विद्यालयों ने देर से आदेश आने की बात कहते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया वहीं कुछ ऐसे विद्यालय हैं जो इंटर तक संचालित हैं इस आड़ में भीषण सर्दी में भी प्राइमरी स्कूल खुले रहे और आगे भी संचालित रहेंगे. अब ये कैसे मान लिया जाए कि जो आदेश सरकारी विद्यालयों तक पहुंचा वो निजी से कैसे अछूता रह गया.
जिम्मेदारों के नियम हवा-हवाई, क्या होगी कार्रवाई?
निजी विद्यालय सरकारी आदेश को धता बताते हुए आज छुट्टी के दिन भी खुले रहे. कुछ लोगों ने जानकारी देते हुए बताया कि मिशनरी वाले विद्यालय अगले दिन भी खुले रहेंगे.
बेसिक शिक्षा अधिकारी भारती त्रिपाठी से जब इस संबंध में पक्ष लेने के लिए फोन मिलाया गया तो मैडम ने फोन उठाना भी मुनासिब नहीं समझा. मीडिया के सवालों से दूरी बनाना उनके लिए कोई नई बात नहीं है..अब देखने वाली बात यह है निजी विद्यालयों में जिला प्रशासन क्या कार्रवाई करता है?