Umar Gautam Fatehpur: ग्राउंड रिपोर्ट-पंथुआ में कैसा है माहौल औऱ क्या बताते हैं वहां के लोग
एटीएस द्वारा धर्मांतरण के मामले में दिल्ली से गिरफ्तार हुआ मास्टरमाइंड उमर गौतम यूपी के फतेहपुर ज़िले का रहने वाला है।जो स्वयं कन्वर्टेड मुस्लिम है।उसके पैतृक गांव में मंगलवार को हमारी टीम पहुँची पढ़ें यह ग्राउंड रिपोर्ट. Umar Gautam Fatehpur Ground report umar gautam village panthua
Umar Gautam Fatehpur: यूपी के फतेहपुर ज़िले का एक छोटा सा गाँव पिछले 24 घण्टो से चर्चा में है।वजह से एटीएस द्वारा धर्मांतरण के मामले में दिल्ली से गिरफ्तार हुआ उमर गौतम।जिला मुख्यालय से क़रीब 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पंथुआ गाँव रमवा ग्राम पंचायत का मजरा है।क़रीब एक हजार की आबादी वाले इस गाँव में ठाकुर, यादव, दलित, मौर्य औऱ कुछ अन्य पिछड़ी जातियों के लोग रहतें हैं।ख़ास बात ये है कि इस गाँव में मुसलमानों की आबादी शून्य है।Fatehpur ka umar gautam latest News
दरवाजे में जमा रहती है भीड़..
उमर गौतम के गिरफ्तारी की ख़बर जैसे ही उसके पैतृक गाँव में पता चली तो लोग हैरान हो गए।पुस्तैनी मकान के बाहर लोगों के जमा होने का सिलसिला सोमवार दोपहर से ही शुरू हो गया था शाम तक पुलिस के अधिकारियों का भी आना जाना लगा मीडिया के लोग भी लगातार पहुँच रहें हैं। Fatehpur UP News Umar Gautam Dharm Parivartan In UP
मंगलवार को दिन में क़रीब 11:30 बजे हमारी टीम पंथुआ पहुंचीं।रमवा से पंथुआ की तरफ़ आने में किनारे ही हमें एक घर के बाहर जमा लोगों की भीड़ हमें दिख गई।मीडिया के कैमरों और वहां मौजूद पुलिस के जवानों ने स्पष्ट कर दिया कि यही उमर गौतम का पुश्तैनी मकान है।
मकान के बाहर दो नीम के पेड़ लगे हुए हैं औऱ फ़िर सड़क के दूसरी ओर मकान के सामने ही एक शिव मंदिर बना हुआ है।मंदिर में लगे हुए एक पत्थर पर धनराज सिंह, ननकू सिंह, बंशी सिंह औऱ जगदेव सिंह का नाम लिखा हुआ साथ ही मंदिर निर्माण की तिथि संवत 2046 अंकित है।ग्रामीणों ने बताया कि यह मंदिर श्याम उर्फ़ उमर के पिता धनराज सिंह व उनके परिवारीजनों द्वारा बनवाया गया था।
उमर के सगे चचेरे भाई राजू सिंह जो उमर के हमउम्र हैं औऱ गाँव में ही रहकर किसानी करते हैं।उनसे हमारी मुलाकात हुई।उनसे हम कुछ पूछते उसके पहले ही वह बोल पड़े पूछ लीजिए कल से बताते बताते थक गए हैं।उनके चेहरे पर थकान,हल्की सी खीझ औऱ उमर के कृत्य का अपराध बोध एक साथ दिखा।हालांकि वहां मौजूद गाँव के लोग बीच बीच में हंसी मज़ाक के लहज़े में बातचीत करके माहौल को हल्का बनाने की कोशिश करते रहे।Umar Gautam Family Fatehpur News
राजू सिंह ने पहली लाइन में ही स्पष्ट कर दिया कि गाँव में किसी से उमर का कोई लेना देना नहीं था।उसके मुस्लिम धर्म अपनाने के बाद परिवार ने भी उसका त्याग कर दिया था लेकिन क़रीब दस साल पहले मां के मरने पर औऱ दो साल पहले जब पिता धनराज सिंह की मौत हुई थी मौत के क़रीब दो महीने बाद वह गाँव आया था।लेकिन बमुश्किल क़रीब वह 30 मिनट ही गाँव में रुका था।उसके साथ अन्दौली के कुछ रसूखदार मुसलमान भी थे।इन्ही लोगों के सम्पर्क में उमर रहता था।उसके बाद से उमर यहाँ नहीं आया।
राजू सिंह बताते हैं कि हमारे पिता ननकू सिंह और उमर के पिता धनराज सिंह सगे भाई थे।धनराज सिंह के 6 लड़के थे उमर चौथे नम्बर का था।औऱ हम लोग दो भाई हैं।हमारे चाचा धनराज सिंह पंचायत सचिव थे जो बाद में एडीओ पंचायत के पद से सेवानिवृत्त हुए।वह कहते हैं कि धनराज सिंह ने अपने सभी बेटों को अच्छी शिक्षा दिलाई श्याम (उमर) भी बचपन से पढ़ाई में बहुत अच्छा था औऱ आठवीं तक कि पढ़ाई पड़ोस के गाँव सुभाष जूनियर हाईस्कूल से की इसके बाद सर्वोदय इंटर कालेज से 12 वीं किया।और फ़िर एग्रीकल्चर से एमएससी करने के लिए पंतनगर चला गया।औऱ फ़िर वहीं से दिल्ली पहुँच गया।साल 1984 में दिल्ली में इसने मुस्लिम धर्म अपना लिया।
हमारी मुलाकात गाँव के कुछ औऱ लोगों से भी हुई जो बताते हैं कि उमर का भले ही इस गाँव में आना जाना न रहा हो लेकिन वह क्षेत्र के अगल बगल के गांवों में आता जाता रहता था।बगल के गाँव अन्दौली के कई मुस्लिम उसके लगातार सम्पर्क में रहते थे औऱ अक्सर वह उन लोगो के यहां आता जाता रहा है।ज़िले के कई नामचीन मुस्लिमों से भी उसके सम्पर्क हैं।ज़िले के एक चर्चित विद्यालय में बीस लाख रुपये देने की बात भी कही जा रही है।