Kakori Kand Fatehpur: फतेहपुर में काकोरी कांड शताब्दी वर्ष पर शहीदों को नमन ! Rakesh Sachan ने बावनी इमली में अर्पित किए पुष्प
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) में काकोरी काण्ड (Kakori Kand) के सौ वर्ष पूरे होने पर शहीद स्थल बावनी इमली (Bavani Imali) पहुंच कर कैबिनेट मंत्री राकेश सचान (Rakesh Sachan) ने श्रद्धांजलि अर्पित कर वीर सपूतों को याद किया.
Kakori Kand Fatehpur: यूपी के फतेहपुर सहित पूरे देश में काकोरी कांड के 100 वर्ष पूरे होने पर महान क्रांतिकारियों को याद कर श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही हैं. फतेहपुर में जहां एक ओर डॉक्टरों ने रक्तदान करते हुए अमर शहीदों को नमन किया वहीं शुक्रवार को बावनी इमली (Bawani Imali) पहुंच कर कैबिनेट मंत्री राकेश सचान (Rakesh Sachan) ने पुष्प अर्पित कर वीर सपूतों को याद किया.
महान क्रांतिकारियों की चौखट पर पहुंचे राकेश सचान
फतेहपुर (Fatehpur) के खजुआ (Khajua) का वो इमली का पेड़ 52 क्रांतिकारियों की शहादत को आज भी याद करता है. अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ़ जितना खून बहा है उसको सुन कर आपकी रूह कांप जाएगी. वीर सपूतों के इस बलिदान के कारण हम आज आज़ाद भारत में सांस ले रहे हैं.
काकोरी ट्रेन एक्शन (Kakori Kand) भी उसी का गवाह है. सौ साल पूरे होने पर शहीद स्थल पर पहुंच कर लोग श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं. यूपी के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान (Rakesh Sachan) शहीद स्मृति यात्रा में भाग लेते हुए छात्रों जिले के आलाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ बावनी इमली पहुंच कर स्वतंत्रता संग्राम के महानायकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए नमन किया. राकेश सचान ने जिले में चल रहे पर्यावरण अभियान एक "पेड़ मां के नाम" के तहत वृक्षारोपण भी किया.
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिजन हुए सम्मानित
फतेहपुर के बावनी इमली शहीद स्थल के बाद राकेश सचान (Rakesh Sachan) जनसभा को संबोधित करते हुए काकोरी ट्रेन एक्शन (Kakori Kand) और वीर सपूतों को याद किया साथ ही जिले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को अंग वस्त्र पहनाते हुए सम्मानित किया.
जानिए क्या है काकोरी कांड (Kakori Kand History)
भारत में 9 अगस्त 1925 का वो दिन स्वर्ण अक्षरों में अंकित है. इसदिन क्रांतिकारियों ने अपने शौर्य, संकल्प का परिचय देते 08 डाउन, सहारनपुर-लखनऊ पैसेंजर ट्रेन में हमला करते हुए ब्रिटिश सरकार के खजाने पर कब्जा कर लिया था. रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ की अगवाई में हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के क्रांतिकारियों ने काकोरी के पास ट्रेन रोककर 4679 रुपये, 01 आना और 06 पाई लूट लिए.
इस घटना के बाद अंग्रेजों ने 40 लोगों को बंदी बनाया. अभियोग के बाद 4 क्रांतिकारियों को फांसी दी गई और दो क्रांतिकारियों को काला पानी की सजा सुनाई गई. साथ ही 16 लोगों को भी कई सालों की सजा हुई. रामप्रसाद बिस्मिल की अगुवाई में अशफाक उल्लाह खान, राजेंद्र लाहिडी, चंद्रशेखर आजाद, शचींद्र बख्शी, केशव चक्रवर्ती, मन्मथ नाथ गुप्त, मुरारीलाल गुप्ता, मुकुंदी लाल तथा बनवारी लाल शामिल थे प्रमुख रूप से रहे.