Fatehpur News: फतेहपुर में वैशाख अमावस्या के दिन युवक की मौत ! प्रशासन की लापरवाही से गई जान
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) में वैशाख अमावस्या के दिन भिटौरा के बलखंडी घाट में गंगा स्नान करने गए युवक की डूबने से मौत हो गई. इस पूरे मामले में पुलिस प्रशासन की घोर लापरवाही सामने आई है.
फतेहपुर में गंगा स्नान करने गए युवक की मौत
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) में वैशाख अमावस्या के दिन गंगा स्नान करने गए युवक की नदी में डूबने से मौत हो गई. घटना बुधवार हुसैनगंज थाना क्षेत्र के भिटौरा बलखंडी घाट की है. जानकारी के मुताबिक घाट में करीब एक हज़ार के आस पास लोग अमावस्या के दिन नहाने आए थे.
बताया जा रहा है अचानक सुबह करीब साढ़े नौ बजे युवक नदी में डूब गया जिसको काफी देर बाद लोगों ने खोज कर निकाला. आनन फानन में उसे जिला अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
40 मिनट तक गंगा में डूबा रहा युवक, नदारत रही पुलिस
फतेहपुर के हुसैनगंज थाना क्षेत्र के सहिमापुर गांव का युवक जैम (20) पुत्र श्रवण कुमार गंगा स्नान करने के लिए क्षेत्र के भिटौरा बलखंडी घाट गया था. जानकारी के मुताबिक बलखंडी में गंगा पुल निर्माण को देखने के लिए भी बड़ी संख्या में लोग उस घाट में गए थे.
जानकारी के मुताबिक कई लोग निर्माणाधीन पुल से गंगा में कूद कर स्नान कर रहे थे कि तभी जैम ने भी पुल से छलांग लगाई लेकिन वो ऊपर नहीं आया. आस पास लोग उसे नदी में खोजते रहे लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला.
बताया जा रहा है कि करीब 40 मिनट बाद उसे गंगा से निकाला गया. आनन फानन में उसे जिला अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. बलखंडी घाट में जिस समय घटना हुई वहां कोई भी पुलिस कर्मी मौजूद नहीं था.
ओम घाट में पहरा देते रहे थानेदार, बलखंडी में हो गई घटना
वैशाखी अमावस्या के दिन बड़ी संख्या में गंगा स्नान करने के लिए श्रद्धालू भिटौरा ओम घाट और बलखंडी में पहुंचे थे. बताया जा रहा है कि पुलिस ओम घाट की व्यवस्था में लगी रही लेकिन बलखंडी में एक होमगार्ड भी नहीं था.
मौजूद लोगों ने बताया कि घाट में करीब 1 हज़ार से भी ज्यादा लोग थे युवक के नदी में डूबने के बाद भी पुलिस मौके पर नहीं पहुंची 40 मिनट बाद जब उसको गंगा से निकाला गया तो उसकी मौत हो चुकी थी. लेकिन फिर भी लोग उसे अस्पताल लेकर गए.
प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि घटना के करीब एक घंटे बाद चौकी इंचार्ज और एक सिपाही केवल मुआयना करने आए थे जबकि 2 मिनट की दूरी पर पुलिस मौजूद थी. लोगों ने कहा कि अगर पुलिस मौके पर होती तो निर्माणाधीन पुल से कोई छलांग नहीं लगाता और हादसा नहीं होता