World cup 2019:टीम की गुटबाजी ने तोड़ दिया भारत के विश्वविजेता बनने का सपना!
विश्वकप 2019 के सेमीफाइनल राउंड से हारकर बाहर हुई टीम इंडिया ने करोड़ो करोड़ भारतीयों के दिल तोड़ दिए अभी भी लोग इस हार को भूल नहीं पा रहे हैं अब ऐसी खबरें आ रहीं हैं टीम इंडिया इस वक्त दो धड़ो में बंट चुकी है यह हार उसी का नतीजा है...पढ़े पूरी ख़बर युगान्तर प्रवाह पर।
युगान्तर प्रवाह डेस्क-सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के हांथो हारकर बाहर हुई टीम इंडिया की हार का पोस्टमार्टम लोग अलग अलग तरीक़े से कर रहें हैं कोई इस हार के लिए टीम मैनजेमेंट को दोषी ठहरा रहा है तो कोई भारतीय बल्लेबाजी को कुल मिलाकर जब आप जीत रहे होते हैं तो आपकी थोड़ी बहुत कमियां भी उस जीत के जश्न में ढक जाती हैं लेक़िन एक बड़ी हार के बाद हर उस कमी पर बात होती है जो जीत पर नहीं होती है।
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भारतीय क्रिकेट के कई पूर्व दिग्गजों ने भारत के बैटिंग क्रम को लेकर सवाल खड़े किए कि उस रोज धोनी को इतना पीछे(सातवें) नम्बर पर क्यों भेजा गया जबकि इस वक़्त टीम में धोनी से ज्यादा अनुभव किसी के पास नहीं है।कुल मिलाकर भारत की इस हार ने भारतीय टीम की उन परतों को खोल दिया है जो किन्ही कारणों से अब तक नजर नहीं आ रही थीं।
दो धड़ो में बंट चुकी है टीम इंडिया...?
भारत की सेमीफाइनल में हुई हार के जिम्मेदार केवल भारत के बैट्समैन नहीं है इस हार के जिम्मेदार टीम मैनजमेंट के लोग और कोच भी हैं।अब मीडिया में ऐसी भी खबरें आ रहीं हैं टीम इस वक्त दो धड़ो में बंटी हुई है।
एक मीडिया वेबसाइट की माने तो टीम में इस वक्त दो धड़ा हैं एक विराट कोहली और कोच का तो दूसरा रोहित शर्मा का।टीम के ज्यादातर खिलाड़ी विराट कोहली की कप्तानी से खुश नहीं है जिसका प्रमुख कारण है कोहली और कोच रवि शास्त्री का तानाशाह पूर्ण रवैया।टीम के अंदर फैसले लेने का अधिकार केवल कोच और कप्तान के पास है और जो भी इन दोनों की बात को कभी काटने की कोशिश करता है तो उसे उसका खामियाजा टीम से बाहर होकर चुकाना पड़ता है इसी के चलते अब कोई भी क्रिकेटर जो टीम में है वह कोच और कप्तान के फैसले सवाल उठाने की कोशिश नहीं करता है।
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टीम में नम्बर चार के बल्लेबाज की समस्या पिछले कई सालों से टीम में बनी हुई थी जो अंबाती रायडू के आने के बाद कुछ हद समाप्त भी हो गई थी लेकिन उनका चयन टीम में न होने से हर कोई चौका चार नम्बर पर बल्लेबाजी के लिए एक ऐसे क्रिकेटर(विजय शंकर) का चयन किया गया जिसके पास अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का अनुभव न के बराबर था।विजय शंकर को शुरुआती मैच में मौक़े भी मिले पर वो पूरी तरह से फ्लॉप रहे।
केएल राहुल की बैटिंग को लेकर भी कई बार सवाल खड़े हुए पर कोहली की पसन्द होने के चलते राहुल को टीम से बाहर नहीं होना पड़ा।इसी तरह इस वक्त टीम में केवल वही खिलाड़ी खेलते हैं जो कोहली और कोच की पसन्द होते हैं या फिर वो जिनको टीम से बाहर ही नहीं किया जा सकता जैसे रोहित शर्मा,शिखर धवन,धोनी,और जसप्रीत बुमराह इनके अलावा अंतिम ग्यारह में वही शामिल होते हैं जो कोहली की पसन्द होते हैं। यहाँ एक बात और गौर करने वाली है कि विराट कोहली को एक खिलाड़ी के तौर पर तो हर कोई पसन्द करता है पर कप्तान के तौर पर उनसे ज्यादातर खिलाड़ी खुश नहीं है।