अध्यात्म:राम ने इस पक्षी के दर्शन के बाद ही रावण पर विजय प्राप्त की थी..देखने मात्र से ही बनते हैं बिगड़े काम.!

विजय दशमी को विजय का पर्व माना जाता है कहा जाता है कि इसदिन इस एक विशेष पक्षी के दर्शन करने के बाद ही श्रीराम ने रावण को परास्त किया था।..पढ़े युगान्तर प्रवाह की एक रिपोर्ट...

अध्यात्म:राम ने इस पक्षी के दर्शन के बाद ही रावण पर विजय प्राप्त की थी..देखने मात्र से ही बनते हैं बिगड़े काम.!

अध्यात्म:विजयदशमी के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन को शुभ और भाग्य को जगाने वाला माना जाता है। जिसके चलते दशहरे के दिन हर व्यक्ति इस पक्षी के दर्शन करना चाहता है।

मान्यता है कि इस दिन इसके दर्शन होने से घर के धन-धान्य में वृद्धि होती है, और फलदायी एवं शुभ कार्य घर में अनवरत्‌ होते रहते हैं। सुबह से लेकर शाम तक किसी वक्त नीलकंठ दिख जाए तो वह देखने वाले के लिए शुभ होता है।

यह भी पढ़े:कात्यायनी माता के रूप में आज भक्तों को दर्शन देंगी माँ दुर्गा..इस मंत्र का जप करना होगा लाभकारी.!

नीलकंठ पक्षी को भगवान शिव का स्वरूप माना जाता है ऐसा कहा जाता है कि श्रीराम ने इस पक्षी के दर्शन के बाद ही रावण पर विजय प्राप्त की थी। विजय दशमी का पर्व जीत का पर्व है।

Read More: Kharmas Kab Se Hai 2024: कब से शुरू हो रहे हैं खरमास? मांगलिक कार्य इतने दिनों तक बंद

 विजय दशमी में बन रहा है शुभ योग...

Read More: Basant Panchami Kab Hai 2025: कब है बसंत पंचमी? जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

इस बार विजय दशमी का श्रवण नक्षत्र में होना अति शुभकारक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार दशहरा के दिन ही भगवान राम ने लंका के राजा रावण पर विजय प्राप्त की थी।

Read More: Who Is Avimukteshwaranand: कौन हैं शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ! जो अपने प्रखर बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं 

आचार्य गोविंद शास्त्री के अनुसार आश्विन मास शुक्ल पक्ष दशमी तिथि में अपराजिता देवी तथा शमी वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व है।

त्रेता युग में भगवान श्रीराम ने भी अपराजिता देवी एवं शमी वृक्ष की पूजा की थी और नीलकंठ पक्षी के दर्शन किए थे जिसके चलते रावण के ऊपर विजय प्राप्त हुई। उन्होंने बताया कि इस बार दशहरा के दिन पंचक नहीं है।

धर्म सिंधु आदि ग्रंथों के अनुसार विजय दशमी पर श्रवण नक्षत्र का होना श्रेष्ठ माना गया है। श्रवण नक्षत्र राष्ट्र के लिए शुभ होता है।  बताया जाता है कि द्वापर युग में अर्जुन ने भी शमी वृक्ष की पूजा की थी और अपने हथियार शमी वृक्ष के पास रखकर तपस्या करने के लिए चले गए। इसके बाद उन्होंने महाभारत के युद्ध में विजय श्री प्राप्त की।

Tags:

युगान्तर प्रवाह एक निष्पक्ष पत्रकारिता का संस्थान है इसे बचाए रखने के लिए हमारा सहयोग करें। पेमेंट करने के लिए वेबसाइट में दी गई यूपीआई आईडी को कॉपी करें।

Latest News

Fatehpur News: फतेहपुर में त्रिस्तरीय पंचायत उपचुनाव की घोषणा ! इतने पदों के लिए 19 तारीख को होगा मतदान  Fatehpur News: फतेहपुर में त्रिस्तरीय पंचायत उपचुनाव की घोषणा ! इतने पदों के लिए 19 तारीख को होगा मतदान 
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) में 38 पदों के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी रविंद्र सिंह (IAS Ravinder Singh)...
आज का राशिफल 5 फरवरी 2025: इस राशि के जातक आज भावुक हो सकते हैं ! जानिए सभी राशियों का दैनिक राशिफल 
Fatehpur News Video: फतेहपुर में किन्नरों का तांडव ! थाने में डाला डेरा, कार्रवाई की मांग पर अड़े 
Fatehpur News: यूपी के फतेहपुर में दो ट्रेनों की टक्कर ! चालक घायल, यातायात हुआ प्रभावित 
आज का राशिफल 4 फरवरी 2025: Aaj Ka Rashifal कुछ जातकों के लिए मुश्किल से भरा है, जानिए दैनिक राशिफल 
Fatehpur News: यूपी के फतेहपुर में किसान की हत्या ! छोटे भाई ने खुद को मारी गोली 
Fatehpur News: यूपी के फतेहपुर में किसान की हत्या ! ट्यूबवेल में मिला शव, जांच में जुटी पुलिस 

Follow Us