Shardiya Navaratri Paran Kab Hai 2023: शारदीय नवरात्रि व्रत का पारण कब है ! जानिए क्या है शुभ मुहूर्त और डेट
Shardiya Navaratri Paran Kab Hai 2023: शारदीय नवरात्रि के पावन 9 दिन चल रहे हैं, नवरात्रि के प्रत्येक दिन माता की उपासना और पूजन करने का दिन होते हैं. माता के अलग-अलग स्वरूप की पूजा का महत्व है. नवरात्रि में कुछ भक्त पहला और आख़िरी व्रत रखते हैं.जबकि कुछ पूरे 9 दिन व्रत रहते हैं.पारण के लिए जो अष्टमी को व्रत है वे नवमी के दिन पारण करें, और जो लोग पूरे 9 दिन का व्रत हैं उन्हें दशमी के बजाय इस दफा मंगल होने के कारण नवमी में पारण करना होगा.
हाईलाइट्स
- शारदीय नवरात्रि में व्रतों और पारण का महत्व, माँ की कृपा बनती है
- अष्टमी कल, महानवमी परसो मनाई जाएगी,जानिए पारण का समय
- 9 दिन व्रत बेहद फलदायी,कन्या भोज , पूड़ी, हलवा, चना आदि चीज़े खिलाएं, भोग लगाएं
Importance of fast and Parana of Navratri : नवरात्रि में नौ दिनों तक व्रत करना बेहद लाभकारी होता है और फिर इसके पारण के लिए भी दिन निश्चित करना होता है. नवरात्रि के कुछ लोग पहले और आखिरी व्रत रखते हैं तो कहीं कुछ नवरात्रि के पूरे 9 दिन तक व्रत रख करते हैं, ऐसे में जिन लोगों का व्रत है उन्हें पारण करना है तो किस दिन करें और पारण का मुहूर्त क्या है, नीचे जानिए.
पूरे 9 दिन व्रत वाले इस बार नवमी में करें पारण
शारदीय नवरात्रि के 9 दिनों के व्रत का बड़ा महत्व है, 22 अक्टूबर को अष्टमी और 23 अक्टूबर महानवमी मनाई जाएगी. ऐसे में जो लोग अष्टमी का व्रत करते हैं तो वे व्रत का पारण अगले दिन नवमी के दिन करें, जो लोग पूरे 9 दिन व्रत करते हैं उन्हें वैसे तो दशमी में पारण करना चाहिये, इस बार दशमी तिथि मंगल को पड़ रही है इसवजह से नवमी में पारण करना चाहिए.
नवमी के दिन पारण का मुहूर्त
24 अक्टूबर को दशमी है उस दिन विजयादशमी मनाई जाएगी. नवरात्रि की नवमी तिथि यानी सोमवार को दोपहर 3 बजकर 10 मिनट तक रहेगी. इसके बाद श्रवण नक्षत्र दशमी तिथि लग जाएगी. यानी सोमवार (नवमी)के दिन दोपहर 3 बजकर 10 मिनट के बाद व्रती व्रत का पारण कर सकते हैं.नवरात्रि में माता की उपासना उत्तम मानी गयी है.
नवमी पर लगाएं भोग फिर करे पारण
पूजन के साथ नवरात्रि के 9 दिनों के व्रत और उसके पारण का महत्व भी बढ़ जाता है. 9 दिनों तक माता दुर्गा को अलग-अलग भोग लगाया जाता है. कन्या भोज भी कराया जाता है. नवरात्रि में जो भक्त नौ दिनों का व्रत कर रहे हैं वो नवमी पर लगाए गए भोग हलवा, पूरी, चना से व्रत का पारण कर सकते हैं. माता के भोग से पारण करना अत्यंत शुभ होता है. फिर कन्या भोज कराएं और खुद भी प्रसाद ग्रहण करें. यह प्रसाद विशेष फलदायी होता है.
अष्टमी और नवमी तिथि
22 अक्टूबर को अष्टमी तिथि पड़ रही है इस दिन मां महागौरी की आराधना करें. वैसे 21अक्टूबर, शनिवार को रात 9 बजकर 53 मिनट पर अष्टमी तिथि शुरू होगी और 22 अक्टूबर, रविवार को शाम 7 बजकर 58 तक यह शुभ समय रहेगा.अष्टमी तिथि को कन्या पूजन के तीन शुभ मुहूर्त बन रहे हैं पहला सुबह 6 बजकर 26 से लेकर 6 बजकर 44 मिनट तक, दूसरा सुबह 7 बजकर 51 मिनट से शुरू होगा और 9 बजकर 16 तक रहेगा, तीसरा उसी दिन सुबह 9 बजकर 16 से शुरू होकर 10 बजकर 41 तक रहेगा.
नवमी तिथि को सिद्धिदात्री माता की उपासना का महत्व है. इस साल की नवमी तिथि की शुरुआत 22 अक्टूबर को रात 7 बजकर 58 मिनट से शुरू होगी जो 23 अक्टूबर सोमवार को शाम 5 बजकर 44 मिनट तक रहेगी.