Bhagwan Ki Murti Uphar Me deni Chahiye: भगवान की मूर्ति गिफ्ट में देनी चाहिए या नहीं ! प्रेमानन्द महाराज ने क्या बताया
वृंदावन (Vrindavan) वाले सन्त प्रेमानन्द महाराज (Premanand Maharaj) के संदेशों को सभी फॉलो करते हैं. यही नहीं उन्हें सुनने व दर्शन करने के लिए फिल्मस्टार से लेकर राजनेता भी उनके उपदेशों को सुनने पहुंचते हैं. प्रेमानन्द महाराज (Permanand Maharaj) ने सत्संग के दौरान बताया कि कोई गिफ्ट या उपहार (Gift) में भगवान की मूर्ति (God Statue) दे तो उसे लेना चाहिए या नहीं. इस आर्टिकल के जरिये आपको बताएंगे..
क्या भगवान की मूर्ति गिफ्ट करनी चाहिए?
अक्सर देखा जाता है कि लोग किसी समारोह के दौरान बर्थडे (Birthday), एनिवर्सरी (Anniversary) या फिर कोई भी कार्यक्रम हो तो भगवान की मूर्ति (Idol) लोगो को उपहार (Gift) स्वरूप देते हैं. इन दिनों यह ट्रेंडिंग (Trending) पर है. ऐसे में वृंदावन (Vrindavan) वाले प्रेमानन्द जी ने भगवान की मूर्ति गिफ्ट करना सही है या नही इस पर खुलकर प्रतिक्रिया दी है.
प्रेमानन्द महाराज ने दिया जवाब
प्रेमानन्द महाराज (Premanand Maharaj) के सकारात्मक संदेशों (Positive Messages) व आध्यात्मिक सत्संगों को सुनकर जीवन को नई दिशा मिलती है. उनके आश्रम में क्रिकेटर, फिल्मस्टार और राजनेता भी उनसे मार्गदर्शन लेने आते रहते हैं. सत्संग के दरमियां प्रेमानन्द जी भक्तो के द्वारा पूछे गए हर प्रश्न का जवाब बड़े ही सहजता से देते हैं. जिससे लोगों को नई दिशा मिलती है. एक भक्त ने सवाल किया क्या भगवान की मूर्ति (God Idol) उपहार में किसी को दे सकते हैं, जिसपर प्रेमानन्द महाराज (Premanand Maharaj) जी ने कहा कि भगवान की मूर्ति किसी को उपहार में न दें तो बेहतर होगा. यदि कोई दे भी रहा हो तो उसे प्रणाम कर उसे उन्हें वापस कर दें. खुद भी कहा कि वे भी उपहार में दी गयी भगवान की मूर्ति नहीं लेते हैं.
बताया बड़ा कारण
प्रेमानन्द महाराज ने इसका बड़ा कारण बताया कि घरों में इतने भगवान हैं ऐसे में नए भगवान के आने पर उन्हें हम सेवा देने में सक्षम नहीं हो सकेंगे. विधिवत तरह से उन्हें हम विराजमान नहीं कर सकते. यदि सेवा नहीं कर पा रहे तो एक और मूर्ति को बिराजमान न करें. मूर्ति भगवान की कोई शो पीस नही है कि जितना मर्जी हो रख लो. उतने ही ठाकुर जी रखें जिनकी सेवा कर सकें. यदि कोई दे भी रहा हो तो दर्शन कर प्रणाम करें, फिर वापस कर दें.
शादी के कॉर्ड पर भगवान की छवि न कराएं प्रिंट
प्रेमानंद महाराज ने यह भी बात बताई कि शादी के कार्ड पर भी भगवान की तस्वीर प्रिंट करा दी जाती है. फिर उस कार्ड को फेंक दिया जाता है. उस कार्ड में भगवान की छवि बनी रहती है. ऐसा करने से उनका अनादर होता हैं. भगवान का अपमान होता है इसलिए शादी के कार्ड पर दुल्हा-दुल्हन की तस्वीर या फिर किसी फूल की फोटो प्रिंट करा सकते हैं. भगवान की छवि वाले शादी कॉर्ड न छपवाए.