Motivational Quotes Premanand Maharaj: प्रेमानन्द महाराज ने बताई जीवन से जुड़ी अहम बातें ! सच्चा प्रेम तो केवल प्रभू से होता है
प्रेमानन्द महाराज (Premanand Maharaj) के मोटीवेशनल संदेश (Motivational Message) हर किसी को पसन्द आते हैं. उनके द्वारा किये जा रहे सत्संग व प्रवचनों को ध्यान से सुनना चाहिए. उनकी बातों में ही आपके प्रश्नों के उत्तर मिल जाते हैं. फिर आपके अंदर एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. यह आपके इस जीवन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. कुछ अहम बातें प्रेमानन्द महाराज ने बताई है जिन्हें जरूर समझना और करना चाहिए.
प्रभू की भक्ति और प्रभू से करो प्रेम
प्रभू की भक्ति और प्रभू से प्रेम करो कौन क्या कहता है उसकी चिंता मत करो. अपने धर्म का पालन करते जाओ सत्कर्म करते रहो. यह सब प्रभू की कॄपा से ही सम्भव है. मथुरा वृंदावन वाले प्रेमानन्द महाराज जी के सत्संगों और प्रवचनों को दुनिया भर के लोग सुनते और उन्हें फॉलो करते हैं. उनके द्वारा बताया गया हर एक सवाल का उत्तर आपके निजी जीवन से जुड़ा है. बस आप उनकी बातों को ध्यान से सुनकर कार्य करें. फिर देखिए आपके जीवन में नई ऊर्जा का संचार कैसे होता है.
आपको सुधरना है, ईश्वर से प्रेम करें
प्रेमानन्द महाराज जी कहते हैं कि कौन क्या करता है, इस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है. बस आपको सुधरना है यह लक्ष्य हो. कैसे सुधरना है यह जानना जरूरी है अपना काम करते रहो. प्रेम तो केवल प्रभू से होता है. हमें सच्चा प्रेम वे ही दे सकते हैं. कोई दूसरा जब हमें जानेगा ही नहीं तो प्रेम कहाँ से करेगा. मतलब साफ है कि सच्चा प्रेम केवल ईश्वर ही कर सकता है. वे ही तो हैं जो हमें जानते हैं. मनुष्य के जीवन में सत्य का साथ नहीं है तो आगे बढ़ नहीं सकता कभी न कभी गच्चा खा ही जायेगा.
ईश्वर को अपना वास्तविक मान लो, माता-पिता और बीमार इंसान की सेवा करो
इसलिए सत्य का साथ न छोड़ें. जीवन को सत्यमार्ग की ओर ले जाओ, अच्छे बनो, माता-पिता की सेवा करो, कोई बीमार है तो सेवा करो यही सत्यमार्ग है. जरूरतमन्दों के लिए हमेशा खड़े रहे. सुबह उठते ही यह निश्चय करें कि हमें अपने आराध्य का ध्यान और जप करना है इसका नियम बना लें. हर व्यक्ति के जीवन में कोई न कोई समस्या आती है उसका एक ही समाधान है ईश्वर को अपना वास्तविक मान लो, उनकी जगह पर किसी को न बैठाना, क्योंकि उनका दर्जा सर्वोपरि है वे ही तो है जो हमारी समस्याओं का निदान करते हैं.