Sneeze News In Hindi: दिनभर में 3 से 4 आती है छींक ! क्यों आती है छींक? जानिए छींक से जुड़े कई फैक्ट्स
छींक आने का कारण
दुनिया में हर किसी इंसान को दिन में एक या एक से अधिक बार छींक (Sneeze) आती है, लेकिन आप सभी के मन में यह सवाल जरूर उठता होगा कि आखिरकार छींक क्यों आती है आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आखिरकार छींक क्यों आती है? और छींक आने पर आंख क्यों बंद हो जाती है..
छींक आना शरीर के लिए कितना महत्वपूर्ण
दुनिया में हर किसी को छींक (Sneeze) जरूर आती है अमूमन किसी भी व्यक्ति को डस्ट वाली जगह जैसे धूल-मिट्टी आदि के संपर्क में आता है तो उसे छींक आने लगती है. या फिर सर्दी-जुखाम भी कारण हो सकता है, लेकिन आपने कभी सोचा है कि आखिरकार छींक क्यों आती है? इसे लेकर दुनिया भर में लोग तमाम तरह की बातें भी करते हैं जिनमें आम लोगों की राय अलग और वैज्ञानिकों के मत अलग-अलग है. छींक आने के दौरान आंख क्यों बंद (Eyes Closed) हो जाती है या फिर छींक आने के दौरान मुंह से आवाज क्यों आती है आज हम आपके इन्हीं सवालों का जवाब देने की कोशिश करेंगे.
छींक आने का मुख्य कारण
सबसे पहले जानने की कोशिश करेंगे कि आखिरकार छींक आने का प्रमुख कारण क्या है, आपको बताते चलें कि छींक शरीर की एक रक्षात्मक और प्रतिरोध प्रतिक्रिया है जिसके जरिए मनुष्य का शरीर नाक और फेफड़ों की हवा को मुंह और नाक के जरिए बाहर ढकेलता है. यही नहीं यदि नाक में कोई बैक्टीरिया या वायरस जैसी अनचाही चीज नाक में घुस जाती है तो छींक के जरिए वह बाहर निकल जाती है.
छींकने के दौरान क्यों बंद हो जाती है आंखें?
यह स्वाभाविक है कि जब कभी छींक आती है तो मस्तिष्क इसका संकेत हमें पहले ही दे देता है. छींक आने के कुछ सेकंड पहले ही छींक आने के चलते हमारी आंख अपने आप बंद हो जाती है अगर ऐसा नहीं होगा तो छींक आने के दौरान यदि आंख खुली रहेगी तो पुतलियों का बाहर निकलने का खतरा बन सकता है. वैज्ञानिकों की माने तो छींकने के दौरान आंखें इसलिए बंद हो जाती है क्योंकि हमारे मुंह और नाक से निकलने वाला बैक्टीरिया कहीं हमारी आंखों में ना चला जाए यदि यह बैक्टीरिया आंखों में चला जाएगा तो वह काफी नुकसानदेह साबित हो सकता है.
क्या हम छींक को आने से रोक सकते हैं
जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि छींक आना हमारे शरीर के लिए बेहद आवश्यक है छींक आने से हमारे शरीर में जमा बैक्टीरिया नाक और मुंह के रास्ते बाहर निकल जाता है. हमारे नाक के छिद्रों से तेज रफ्तार से हवा बाहर आती है अगर आप छींक आने से रोकते हैं तो इसका असर हाउस शरीर के दूसरे अंगों पर पड़ता है जिससे कि हमारे शरीर के उन अंगों को काफी गहरा नुकसान पहुंच सकता है तो ऐसे में हमें छींक आने के दौरान उसे रोकना नहीं चाहिए क्योंकि यह शरीर की एक नेचुरल प्रक्रिया है.
वैज्ञानिकों की माने तो इंसान हो या जानवर सभी को छींक आना एक नॉर्मल दिनचर्या के अंतर्गत आता है यदि बात की जाए इंसानों की तो दुनिया भर में लगभग 95 फ़ीसदी लोगों को दिन में चार बार छींक आती है.