Pankaj Udhas Biography In Hindi: चिट्ठी आई है गाने वाले पंकज उधास का निधन ! जानिए उनके जीवन का सफ़र
पंकज उधास बायोग्राफी
मशहूर गजल गायक पंकज उधास (Pankaj Udhas) का आज निधन (Died) हो गया है. वह 72 साल के थे. यह दुखद जानकारी उनकी बेटी नायाब उधास (Nayab Udhas) ने सोशल मीडिया के जरिए पोस्ट जारी करते हुए साझा की. पंकज उधास (Pankaj Udhas) लंबे समय से बीमार चल रहे थे, 26 फरवरी को उन्होंने अंतिम सांस ली उनका अंतिम संस्कार मंगलवार 27 फरवरी को मुंबई में किया जाएगा.
मशहूर गायक पंकज उधास का निधन
मशहूर गजल गायक पंकज उधास (Pankaj Udhas) का 72 साल की उम्र में बीमारी के चलते निधन हो गया. उनकी फैमिली मेंबर द्वारा इस खबर की पुष्टि की गई है. पद्मश्री से सम्मानित गायक पंकज उधास (Pankaj Udhas) ने एक से बढ़कर एक गाने गए हैं जिनमें ना कजरे की धार ना मोतियों के हार, आहिस्ता कीजिए बातें और चिट्ठी आई है यह उनके मोस्ट पॉपुलर गाने रहे हैं जिनकी वजह से उन्हें सदैव भी याद किया जाएगा. जानकारी के मुताबिक बीते कई समय से वह कैंसर जैसी लाइलाज बीमारी से जूझ रहे थे कुछ समय पहले ही वह माया नगरी मुंबई के ब्रिज कैंडी अस्पताल में एडमिट थे इसी अस्पताल में उन्होंने आज अंतिम सांस ली कल यानी 27 फरवरी मंगलवार को मुंबई में ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
पीएम नरेंद्र मोदी ने दी श्रद्धांजलि
पंकज उधास की मौत पर पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने दुख प्रकट करते हुए अपने सोशल मीडिया हैंडल पर उनकी फोटोज शेयर करते हुए लिखा कि हम पंकज उधास के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं उनकी गायकी कई तरह की भावनाओं को जाहिर करती थी और जिनकी गजलें सीधे आत्मा से बात करती थी वह भारतीय संगीत के एक प्रकाश स्तंभ थे जिनकी धुनें वीडियो से चली आ रही थी मुझे पिछले कुछ सालों में उनके साथ हुई अपनी अलग-अलग बातचीत याद है उनके जाने से संगीत जगत में एक खालीपन आ गया है जिन्हें कभी भी नहीं भरा जा सकेगा उनके परिवार और फ्रेंड्स के लिए संवेदनाएं ओम शांति.
सुंदर गायिकी के लिए दिया गया था पद्मश्री
पंकज उधास गजल की दुनिया में एक बड़ा नाम था उन्हें चिट्ठी आई है गजल से पहली बार नाम और शोहरत मिली थी उनकी यह गजल साल 1986 में रिलीज हुई फिल्म "नाम" में थी इसके बाद पंकज उदास ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा उन्होंने कई गजलों को अपनी आवाज से सजाया है. जिनमे यह दिल्लगी, फिर तेरी कहानी याद आई, अल्बम गीत पीने वालों सुनो, चुपके-चुपके, मैखाने के शराब से, तेरे बिन शामिल समेत कई गीत में बड़ी छाप छोड़ी. यही कारण है कि इस आवाज के जादूगर को उनकी बेहतरीन सिंगिंग के लिए कई अवार्ड भी मिले हैं सबसे ज्यादा अहमियत रखने वाला पद्मश्री पुरस्कार उन्हें साल 2006 में दिया गया था.
परिवार में था संगीत का माहौल, 51 रुपये का पुरुष्कार मिला
दिवंगत गायक पंकज उदास का जन्म 17 अप्रैल 1951 को गुजरात के सर्वकुंड में हुआ था उनके घर का फैमिली बैकग्राउंड सिंगिंग से संबंध रखता था इसलिए वह भी बचपन से सिंगिंग की ओर अग्रसर हो चले. यही नहीं उनके बड़े भाई मनहर उधास पहले से ही प्लेबैक सिंगर के तौर पर अपनी पहचान बन चुके थे वही उनके दूसरे भाई निर्मल उदास भी एक उम्दा गजल गायक थे.
पंकज उदास के बड़े भाई मनहर एक जाने-माने एक्टर भी थे दिवंगत पंकज उदास ने उनके साथ कई बार काम भी किया इस दौरान सबसे पहले उन्होंने रंगमंच पर 'ए मेरे वतन के लोगों' गाना गया था. उनके द्वारा गाए हुए इस गाने से सभी की आंखें नम हो गई थी तब दर्शकों की भीड़ में से एक शख्स ने उन्हें 51 रुपए इनाम के तौर पर दिए थे पंकज उदास को सिंगिंग के अलावा तबला बजाना भी बखूबी आता था जिसके लिए उन्होंने बकायदे ट्रेनिंग मिली थी. उनका इस तरह से अचानक दुनिया से चले जाने से बॉलीवुड में शोक की लहर है जहां उनके चाहने वालों के साथ-साथ पीएम नरेंद्र मोदी ने भी दुख प्रकट किया है उनके द्वारा गाए हुए गानों की वजह से उन्हें सदैव याद किया जाएगा.