UP:कोरोना किट घोटाले में कार्यवाही..दो जिलों के डीपीआरओ सस्पेंड..बड़े अधिकारियों को बचाने का खेल शुरू.!
यूपी में कोरोना के नाम पर अधिकारियों द्वारा की गई लूट में कार्यवाही शुरू हो गई है..दो जिलों के जिला पंचायत राज अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है..पढ़ें पूरी खबर युगान्तर प्रवाह पर..
लखनऊ:सोमवार शाम सूबे के दो जिलों के जिला पंचायत राज अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया।अपर मुख्य सचिव द्वारा गाजीपुर ज़िले के डीपीआरओ अनिल कुमार सिंह व सुल्तानपुर के डीपीआरओ कृष्ण कुमार सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।निलंबित किए गए दोनों अधिकारियों पर आरोप है कि इन्होंने अपने जिलों में ग्राम पंचायतों में शासन के निर्देश पर ख़रीदे गए कोरोना किट में तगड़ा घोटाला किया है। lucknow news dpro suspend
अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह द्वारा जारी किए गए आदेश में बताया गया है कि कोविड-19 के दृष्टिगत शासन द्वारा बेहतर स्क्रीनिंग एवं सर्विलांस हेतु पल्स आक्सीमीटर एवं इन्फ्रारेड थर्मामीटर क्रय करने के निर्देश ग्राम पंचायतों को दिए गए थे।इन दोनों उपकरणों की क़ीमत बाज़ार में 2800 रुपए थी। two district dpro suspend
लेक़िन गाजीपुर ज़िले के डीपीआरओ ने उपरोक्त उपकरणों के क्रय किए जाने का बिल 5800 रुपए औऱ सुल्तानपुर ज़िले के डीपीआरओ ने 9950 रुपए का बिल शासन के समक्ष प्रस्तुत किया।
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उपरोक्त प्रकरण के क्रम में दोनों अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है।पत्र में यह भी बताया गया है कि निलंबित किए गए दोनों अधिकारियों की जाँच हेतु वाराणसी मंडल औऱ अयोध्या मंडल के उपनिदेशक (पंचायत) को नामित किया गया है।
बड़े अधिकारियों को बचाया जा रहा है.?
कोरोना किट में घोटाले को लेकर शुरू से ही खबरें आ रहीं थीं कि अधिकारियों द्वारा कोरोना काल में आपदा को अवसर में बदलने की प्रक्रिया जारी है।अब घोटाले की खबरें जब सामने आईं और अधिकारियों पर कार्यवाही शुरू हुई तो उसमें भी कई सवाल उठने शुरू हो गए हैं।क्योंकि ज़िले के छोटे अधिकारियों पर तो कार्यवाही की गई लेक़िन बड़े अधिकारियों को क्यों बचाया जा रहा है।क्योंकि ज़िले की कमान जिन अधिकारियों के हाँथ में है उनकी संलिप्तता के बग़ैर ऐसे घोटाले करना सम्भव नहीं है।लेकिन जिस तरह से सोमवार को छोटे अधिकारियों पर कार्यवाही कर बड़े अधिकारियों को साफ़ साफ़ बचा लिया गया है उससे कार्यवाही पर सवाल उठना लाज़िमी है।