फ़तेहपुर:Exclusive:अखण्ड परमधाम के केंद्रीय सचिव रहे स्वामी नित्यानंद ने कोर्ट में किया सरेंडर.!
स्वामी परमानन्द की संस्था अखण्ड परमधाम के केंद्रीय सचिव के अलावा अन्य पदों पर रहे स्वामी नित्यानंद ने गुरुवार को जिला सत्र न्यायालय में सरेंडर कर दिया..आश्रम की बेशकीमती ज़मीन बेंचने और संस्था के साथ षड्यंत्र करने के मामले में उनपर तीन मुकदमे दर्ज हैं..पढ़े युगान्तर प्रवाह एक्सक्लूसिव रिपोर्ट..
फ़तेहपुर:देश की जानी मानी धर्म प्रचारक संस्था अखण्ड परमधाम इन दिनों सुर्खियों में है। संस्था के केंद्रीय सचिव के अलावा अन्य पदों पर रहे स्वामी नित्यानंद को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। बताया जा रहा है कि उनपर संस्था के साथ धोखाधड़ी करके उसकी बेशकीमती ज़मीन को बेचने का आरोप है जिसपर अखण्ड परमधाम की तरफ से दो और एक अन्य व्यक्ति की तरफ़ से एक मुकदमा आईपीसी धारा 420,467,468,408 के मामले में दर्ज किया गया है। लगभग एक माह से फ़रार चल रहे नित्यानंद के ऊपर अखण्ड परमधाम मवई फ़तेहपुर, और हमीरपुर जिले के आश्रम भरुआ सुमेरपुर सहित युग चेतना महाविद्यालय प्रबंधक के पद पर बने रहते फ़र्जी तरीके से आश्रम की ज़मीन को बेचने और दुकानों का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट करने का आरोप था।
अखण्ड परमधाम के साधरण सदस्य से तीन संस्थाओं के कमांडर बनने की कहानी...
उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले के रहने वाले नित्यानंद अखंड परम धाम के साधारण सदस्य बनने के बाद अपनी कार्यकुशलता से स्वामी परमानंद के प्रिय शिष्य बन गए सन 2000 में संस्था ने इन्हें केंद्रीय कार्यकारिणी में सचिव के पद पर नियुक्त कर दिया और वर्ष 2003 तक ये सचिव रहे।
उसके बाद अखंड परम धाम मवई फतेहपुर और भरुआ सुमेरपुर के आश्रम में प्रबंधक के पद पर नियुक्त हुए। संस्था ने सन 2010 में इन्हें युग चेतना महाविद्यालय का प्रबंधक भी बनाया। लेकिन सन 2015 में समित को बिना विश्वास में लिए हुए इन्होंने अखंड परम धाम भरुआ सुमेरपुर जिला हमीरपुर आश्रम की 14 दुकानों का 15 वर्षो के लिए रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कर दिया। संस्था को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने इनसे स्पष्टीकरण मांगा तो इन्होंने अपने जीवन संरक्षण की बात कही। संस्था ने इनकी बातों को मानते हुए इनको अखंड परम धाम मवई, भरुआ सुमेरपुर हमीरपुर और युग चेतना महाविद्यालय का आजीवन प्रबंधक बना दिया लेकिन उसके साथ ही भरुआ सुमेरपुर में रजिस्टर्ड की गई 14 दुकानों का एग्रीमेंट कैंसिल करने की बात हुई।
नित्यानंद के लालच ने पहुँचा दिया उन्हें जेल..
सन 2016 में नित्यानंद ने नगर पंचायत भरुआ सुमेरपुर में नाम परिवर्तन के नाम से एक एफिडेविट दिया साथ ही झांसी चिटफंड सोसाइटी में अखंड परम धाम के नाम से रजिस्टर्ड संस्था का नाम परिवर्तित कराकर छणेस्वरी आश्रम स्वामी नित्यानंद के नाम से करवा दिया तथा कमेटी के फर्जी सदस्यों के नाम लिखकर 18 जनवरी 2019 को उसको अपने कब्जे में कर लिया। जानकारी के अनुसार भू राजस्व कर्मचारियों को अपने साथ मिलाकर नित्यानंद ने अखंड परम धाम के नाम की सारी जमीन अपने नाम करवा ली और उसको कीमती दामों पर बेच दिया।अखंड परम धाम के सचिव सत्य प्रकाश को जब इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने 18 फरवरी 2019 को सुमेरपुर थाने में इसकी एफ आई आर दर्ज कराई।
अखंड परमधाम मवई की ज़मीन भी बेच डाली नियानन्द ने...
भरुआ सुमेरपुर में एफ आई आर दर्ज होने के बाद अखंड परमधाम ने जब मवाई के आश्रम की जानकारी की तो पाया कि कि नित्यानंद ने सन 2017 में यहां की उस जमीनों को बेच दिया है संस्था के सदस्य ने उनके खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए चांदपुर थाने में एफ आई आर दर्ज करा दी।
इसके साथ ही यह बात भी कही जा रही है कि नित्यानंद ने एक फर्जी वसीयत बनाते हुए अखंड परमधाम की ज़मीन 1960 से जमुनिया बाई के नाम से है जिसको उसने अपने नाम पैसा देकर कराया है। जब इस फर्जीवाड़े की बात उसके पोते को को पता चली तो उसने भी एक मुकदमा नित्यानंद के ऊपर कर दिया।
सूत्रों की मानें तो इन मुकदमों के विरुद्ध स्वामी नित्यानंद ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जिस पर हाईकोर्ट ने 31 जुलाई को सरेंडर करने की बात कही तभी से नित्यानंद फरार चल रहा था जिसे पुलिस द्वारा हिरासत में लेकर कोर्ट में पेश किया गया।
नित्यानंद ने कहा सत्ता की हनक से मुझे फंसाया जा रहा है..
न्यायालय के बाहर युगांतर प्रवाह से खास बातचीत करते हुए स्वामी नित्यानंद ने कहा की सत्ता की हनक और पैसों की खनक के चलते मुझे परेशान किया जा रहा है स्वामी परमानंद क्या अखंड परमधाम संस्था की कोई जमीन मेरे पास नहीं है मुझ पर गलत आरोप लगाए जा रहे है।