फतेहपुर:जीएमआर कम्पनी की लापरवाही के चलते हुआ बड़ा हादसा...जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा मजदूर..पांच घण्टे तक प्लांट में मौजूद रही थाने की पुलिस..चर्चाओं का बाज़ार गर्म!
थरियांव थाना क्षेत्र के एकारी गाँव मे बने जीएमआर प्लांट में कर्मचारियों की लापरवाही के चलते एक मजदूर का हाँथ कट गया इस वक्त वह गम्भीर हालत में कानपुर के एक अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है...पढ़े पूरी ख़बर युगान्तर प्रवाह पर।
फतेहपुर:अक्सर अपने कारनामों के चलते चर्चा में रहनी वाली रेलवे के दोहरीकरण का काम देख रही जीएमआर कम्पनी एक बार फ़िर विवादों में है।इस बार जीएमआर के कर्मचारियों पर लापरवाही पूर्ण काम करने का आरोप लगा है।
मामला थरियांव थाना क्षेत्र के एकारी में बने जीएमआर प्लांट का है।जहां मंगलवार सुबह करीब 10 बजे जीपीटी में स्लीपर उठाने का काम कर रहे एक मजदूर का हाथ जीएमआर की लोको ट्रेन के नीचे आ जाने से कट गया,घायल हुए मजदूर के साथ काम कर रहे दूसरे मजदूरों का आरोप है कि लोको ट्रेन के ड्राइवर और गार्ड ने बिना हॉर्न व सूचना दिए ट्रेन चला दी जिसके चलते ये हादसा हुआ।मजदूर को गम्भीर हालत में फतेहपुर ले जाया गया जहां से उसे कानपुर के लिए रेफर कर दिया गया है।
घण्टों चला हंगामा..पुलिस समझौते का परिजनों पर बनाती रही दबाव.!
थरियांव थाना क्षेत्र के अतरहा गाँव का रहने वाला जुगराज उर्फ़ धांधू(35) पुत्र बृजलाल मौर्या बीते दो साल से एकारी स्थित जीएमआर प्लाट में जीपीटी सेक्शन में मजदूरी का काम कर रहा है।रोज की तरह वह मंगलवार सुबह भी अपनी ड्यूटी पर आ गया था इसी दौरान क़रीब 10 बजे जब वह जीपीटी सेक्शन में रेल की पटरियों में रखे जाने वाले स्लीपरों पर काम कर रहा था तो जीएमआर की लोको ट्रेन के ड्राइवर ने बिना किसी सूचना के गाड़ी आगे बढ़ा दी जिसके चलते मजदूर जुगराज का हाँथ ट्रेन के नीचे आकर कट गया।घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर इकठ्ठे हुए मजदूरों और ग्रामीणों ने लोको ट्रेन के ड्राइवर और गार्ड पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया जिसके बाद घटना स्थल(जीएमआर प्लांट एकारी)अपनी पूरी टीम के साथ पहुंचे थरियांव थानाअध्यक्ष संतोष कुमार शर्मा ने समझा बुझाकर लोगों को शांत कराया।
हंगामा कर रहे परिजनों की मांग थी कि मजदूर को दस लाख रुपये की आर्थिक मदद और घर के किसी सदस्य को जीएमआर में नौकरी दी जाए।लेकिन जीएमआर के अधिकारियो ने परिजनों की मांग को मानने से इंकार कर दिया।दूसरी ओर घटना स्थल पर मौजूद पुलिस परिजनों पर तरह तरह के तरीकों से समझौते का दबाव बनाती रही।अंततः पुलिस और जीएमआर अपने मंसूबो पर कामयाब हो गई और मात्र 35 हज़ार रुपए देकर समझौता करा दिया।
प्लांट में पूरी पुलिस टीम के साथ क़रीब पाँच घण्टे रुके रहे थानाध्यक्ष..!
थरियांव थाना क्षेत्र के एकारी गाँव मे बने जीएमआर प्लांट में हुए हादसे के बाद करीब पांच घण्टे तक थानाध्यक्ष का अपनी पूरी टीम के साथ रुके रहने से क्षेत्र भर में तरह तरह की चर्चाओं का बाज़ार गर्म है।समझौता होने के बाद जब परिजन वापस अपने घर को चले गए तो उसके बाद भी घण्टो तक थानाध्यक्ष का जीएम के कमरे में अकेले रुके रहना अपने आप मे कई सवाल खड़े कर रहा है।इतना ही नहीं थानाध्यक्ष और उनके साथ मौजूद पुलिस कर्मियों की जीएमआर प्लांट में खूब आवभगत भी की गई और जीएमआर के कर्मचारियों ने बताया कि सभी पुलिस कर्मियों को प्लांट में संचालित कैंटीन से भोजन भी कराया गया है।
क्या कहा जीएमआर के एच आर ने..?
जीएमआर कम्पनी के एकारी स्थित प्लांट में एच के पद पर तैनात सतीश द्विवेदी ने एक तरह से इस हादसे के लिए मजदूर को ही जिम्मेदार बता दिया।उन्होंने कहा कि ड्राइवर ने हॉर्न देने के बाद लोको ट्रेन चलाई थी।उन्होंने यह भी कहा कि जो भी समझौता हुआ है वह जीपीटी वाले जाने जीएमआर का इससे कोई लेना देना नहीं है।
जबकि जीपीटी में तैनात अधिकारी आलोक दुबे ने बताया कि यह हादसा जीएमआर कम्पनी की लोको ट्रेन से हुआ है इसमें जीपीटी का कोई लेना देना नहीं है।