New Criminal Laws In Hindi: आज से पूरे भारत में बदल गए अंग्रेजों के जमाने के कानून ! BNS से होगा लोगों का न्याय
Bhartiya Nyay Sanhita
New Criminal Laws In Hindi: देश में 1 जुलाई 2024 से अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे नियम कानून समाप्त करते हुए BNS को लागू कर दिया गया है. अब भारत में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के आधार पर लोगों को न्याय दिया जाएगा. नए कानून से ना सिर्फ धाराएं बदली हैं बल्कि उनकी परिभाषाएं भी बदल गईं हैं.
New Criminal Laws In Hindi: भारत में सोमवार के दिन से अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे कानून पूरी तरह से समाप्त करते हुए न्यू क्रिमिनल लॉ को लागू कर दिया गया है. भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम ने आईपीसी (1860), सीआरपीसी (1973) और एविडेंस एक्ट (1872) की जगह ले ली है.
अब नए प्रावधानों के हिसाब से केस दर्ज किए जाएंगे जबकि 1 जुलाई के पहले वाले दर्ज केसों को पहले वाले प्रावधानों के हिसाब से देखा जाएगा. जानिए ख़ास धाराओं के बारे में..
जानिए भारतीय न्याय संहिता (BNS) में कितनी धाराएं हैं
भारतीय न्याय संहिता (BNS) में 358 धाराएं हैं. जबकि आईपीसी (IPC) में 511 धाराएं थीं. जानकारी के मुताबिक BNS में 20 नए क्राइम को शामिल किया गया है. इसके साथ ही 33 ऐसे अपराध हैं जिनमें सजा की अवधि को बढ़ा दिया गया है. जबकि 23 ऐसे अपराध हैं जिनमें अनिवार्य न्यूनतम सजा का प्रावधान रखा गया है.
वहीं 83 ऐसे क्राइम हैं जिनमें जुर्माने की राशि बढ़ाई गई है. बताया जा रहा है कि 6 अपराधों में सामुदायिक सेवा का प्रावधान भी किया गया है. BNS से पहले की 19 धाराएं निरस्त कर दी गई हैं. जबकि 8 नई धाराएं जोड़ी गई हैं. साथ ही 22 धाराओं भी हटा दी गई हैं.
वहीं भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की बात करें तो इसमें 531 धाराएं हैं. जबकि CRPC में 484 धाराएं थीं. आपको बतादें कि BNSS में कुल 177 प्रावधानों को बदला गया है जबकि 9 नई धाराओं के साथ 39 नई उपधाराएं जोड़ी गई हैं.
वहीं 44 नए प्रावधान और स्पष्टीकरण भी जोड़े गए हैं. बताया जा रहा है कि BNS में 35 ऐसे सेक्शन हैं जिनमें समय-सीमा को जोड़ा गया है साथ ही 35 सेक्शन पर Audio-Video प्रावधान जोड़ा गया है. वहीं कुल 14 धाराएं हटा दी गई हैं.
जानिए IPC और BNS की कुछ विशेष धाराओं के बारे में
भारत सरकार का मकशद हैं कि भारतीय दंड संहिता (IPC) में दंड का प्रवधान था जो की अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा था जबकि भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत लोगों को न्याय दिया जाएगा. जानिए कुछ विशेष धाराओं के बदले स्वरूप के बारे में...
क्राइम | IPC | BNS |
हत्या | धारा 120 | धारा 103 |
हत्या का प्रयास | धारा 307 | धारा 109 |
गैर इरादतन हत्या | धारा 304 | धारा 105 |
दहेज हत्या | धारा 304बी | धारा 80 |
चोरी | धारा 379 | धारा 303 |
दुष्कर्म | धारा 376 | धारा 64 |
छेड़छाड़ | धारा 354 | धारा 74 |
धोखाधड़ी | धारा 420 | धारा 318 |
पति द्वारा क्रूरता | धारा 498ए | धारा 85 |
लापरवाही से मौत | धारा 304ए | धारा 106 |
आपराधिक षडयंत्र | धारा 120बी | धारा 61 |
गैर कानूनी सभा | धारा 144 | धारा 187 |
देश के खिलाफ युद्ध | धारा 121, 121ए | धारा 147, 148 |
मानहानि | धारा 499, 500 | धारा 356 |
लूट | धारा 392 | धारा 309 |
डकैती | धारा 395 | धारा 310 |
IPC में पहले 302 के तहत हत्या का प्रवधान था जबकि BNS में 302 छीना झपटी हो गई है. वहीं IPC में प्रशासन और सरकार क्षेत्र या प्रदेश सहित देश में धारा 144 लगाती उसे अब 187 के रूप में जाना जाएगा. आपको बतादें कि IPC में मॉब लॉन्चिंग का जिक्र नहीं था जबकि BNS में इसे शामिल करते हुए 103(2) में रखा गया है साथ ही इसमें उर्म कैद से लेकर मौत की सजा का प्रवधान है.