मानवता शर्मसार हो गई है..गर्भवती हथिनी को खिलाया गया पटाखों से भरा अनानास..पानी में तड़प तड़प कर निकली जान..!
एक घटना ने मानवता को शर्मसार कर दिया है..हम सब सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि क्या मानव इतना भी क्रूर हो सकता है..मामला एक हथिनी के मौत से जुड़ा है..पढ़े पूरी खबर युगान्तर प्रवाह पर।
डेस्क:आज जानवर भी इंसानो से चीख चीख के यही पूछ रहे होंगे कि क्या वाकई इंसानो के अंदर इंसानियत बची है या वो नीलाम हो चुकी है!इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटनाएं कोई नई नहीं हैं।लेकिन जिस घटना का ज़िक्र आज हो रहा है उसने इंसानों के इंसान होने पर अब तक का सबसे बड़ा सवालिया निशान लगा दिया है कि कोई भी इंसान क्या इतना भी क्रूर हो सकता है कि वह इतनी घटिया हरकत कर दे!
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मामला केरल के मलप्पुरम जिले का है।यहाँ गर्भवती भूखी हथिनी भोजन की तलाश में जंगल के बाहर आ गई। वह गांव में भटक गई। कुछ स्थानीय लोगों ने उसके साथ शरारत की और उसे अनानास में पटाखे भरकर खिला दिया। भूख से बेहाल हथिनी ने वह अनानास खा लिया और कुछ ही देर में उसके पेट के अंदर पटाखे फटने लगे।
पटाखों के फटने की वजह से मुंह भी बुरी तरह से जख्मी हो गया।जलन को शांत करने के लिए पास के ही एक तालाब में वह जा घुसी।सूंड को वह पानी के अंदर ही किये खड़ी रही।और वहीं खड़े खड़े ही उसने दम तोड़ दिया।
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बताया जाता है कि रेस्कयू टीम ने बहुत प्रयास किया हथिनी को बाहर निकालने का लेक़िन मुंह जलने की वजह से वह बाहर ही नहीं निकली।
रेस्क्यू टीम का हिस्सा रहे वन अधिकारी मोहन कृष्णन ने फेसबुक पर लिखा, 'उसने सभी पर भरोसा किया। जब वह अनानास खा गई और कुछ देर बाद उसके पेट में यह फट गया तो वह परेशान हो गई। हथिनी अपने लिए नहीं बल्कि उसके पेट में पल रहे बच्चे के लिए परेशान हुई होगी, जिसे वह अगले 18 से 20 महीने में जन्म देने वाली थी।'
अधिकारियों ने बताया कि पटाखे उसके मुंह में फट गए जिससे मुंह और जीभ बुरी तरह से जख्मी हो गए। दर्द के कारण वह कुछ खा नहीं पा रही थी। उसके पेट में पल रहे बच्चे को भी कुछ नहीं मिल पा रहा था। उसने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया।