Fatehpur News:बेंती हत्याकांड में थरियांव पुलिस की किरकिरी खुलासे पर सवाल
फतेहपुर के थरियांव थाना क्षेत्र के बेंती गांव में 30 वर्षीय चतुर्थ श्रेणी कमर्चारी हत्याकांड का पुलिस ने खुलासे का दावा किया है.एक आरोपी को पकड़ कर पुलिस ने जेल भी भेज दिया है.लेकिन पुलिस के इस खुलासे को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं.पुलिस की स्क्रिप्ट में तगड़ा झोल नजर आ रहा है.पढ़े पूरी खबर युगान्तर प्रवाह पर. Fatehpur Thariyav Benti Murder Case
Fatehpur News:जघन्य अपराधों में निर्दोषों को जेल भेज अपने कर्तव्यों से इतिश्री कर लेने की प्रथा पुलिस की पुरानी है.एक नहीं सैकड़ो ऐसे मामले हैं जहाँ पुलिस ने फ़र्जी खुलासा कर निर्दोषों को जेल भेज दिया औऱ बाद में कोर्ट में पुलिस की बेईमानी पकड़ी गई.
ऐसा ही एक मामला यूपी के फतेहपुर जिले के थरियांव थाना क्षेत्र का है.जहाँ पुलिस ने एक जघन्य हत्याकांड के खुलासे का दावा कर एक आरोपी को जेल भेज दिया है.लेकिन पुलिस के खुलासे को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं.पुलिस द्वारा जेल भेजे गए आरोपी के परिजन पुलिस पर आरोप लगा अधिकारियों की चौखट पर न्याय की मांग कर रहें हैं.
क्या है पूरा मामला..
थाना क्षेत्र के बेंती सादात गांव निवासी हरिशंकर गुप्ता (30) इंटर कालेज में चतुर्थ श्रेेणी कर्मचारी था.वह 29 मई की दोपहर नलकूप के पास बाग में सोया था.जहां उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.पुलिस ने अज्ञात में मुकदमा दर्ज किया.
हत्याकांड के बाद मौके पर पहुंचे मृतक के दोस्त शारूफ उर्फ कल्लू को पकड़ा था.पुलिस को उसके पकड़ने के पीछे मकसद वारदात का सुराग लगाना रहा है.तीन दिन की कड़ी पूछताछ के बाद शारूफ हत्या के बारे में कोई जानकारी नहीं दे सका.उसकी मृतक से दोस्ती की वजह से लंबी बातचीत होना सामने आया है.
मृतक के परिजन भी पहले दूसरे परिवार के लोगों पर हत्या की आशंका जताते रहे हैं.अचानक मृतक के वादी भाई शिवशंकर ने बुधवार को शारूफ के खिलाफ बयान दर्ज कराए. भाई की हत्या का आरोप शारूफ पर लगा दिया.पुलिस ने आनन-फानन एक तमंचा और खाली कारतूस के साथ शारूफ से बरामदगी दिखाकर उसे गुरुवार को जेल भेज दिया.
थरियांव पुलिस पर पहले भी लगे हैं फ़र्जी खुलासे के आरोप..
बेंती हत्याकांड कोई पहला मामला नहीं है जब थरियांव पुलिस पर फर्जी खुलासे के आरोप लगे हों, इसके पहले भी थाना पुलिस की कार्यवाही हत्याकांड खुलासे में सवालों के घेरे में रही है.अतरहा में प्रॉपर्टी डीलर शिवशंकर यादव की हत्या के मामले में भी पुलिस पर फर्जी खुलासे के आरोप लगे थे.इसमें मृतक के भांजे को ही पुलिस ने हत्या का दोषी बनाते हुए जेल भेज दिया था.जबकि उसके खिलाफ भी पुलिस पर्याप्त सबूत नहीं जुटा सकी थी.
सीओ प्रगति यादव ने कहा कि मृतक औऱ जेल भेजे गए आरोपी दोनों दोस्त थे.दोनों का कई लड़कियों से सम्पर्क था.इसी बात पर दोनों के बीच कहासुनी हुई और बाद में शाहरुख ने हरिशंकर की गोली मारकर हत्या कर दी.