Kanpur News In Hindi: कानपुर रेलवे स्टेशन में दिखा भिखारी ! पानी पीते ही बोलने लगा अंग्रेजी, RPF के जवानों को मालूम हुआ ये सच
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किसी के हुलिए या कपड़ों से उसकी पहचान करना मुश्किल होता है. कानपुर (Kanpur) रेलवे स्टेशन (Railway Station) पर प्यास से तड़प रहा एक शख्स फ़टे-गन्दे कपड़े, बाल-बिखरे व बड़ी दाढ़ी के साथ प्लेटफॉर्म (Platform) पर डस्टबिन (Dustbin) के पास खड़े होकर पानी की एक बूंद पाने को लेकर इसकदर बेचैन दिखाई दिया. जाहिर है कि सभी इसे भिखारी (Begger) ही समझेंगे. गश्त कर रही आरपीएफ (Rpf) की टीम की नजर जब उस पर पड़ी तो शक हुआ पूछताछ की तो उसने पानी मांगा, फिर पानी पीने के बाद जो उसने बोला उसके बाद से आरपीएफ का माथा ठनकना शुरु हुआ. यहां से अब शुरू होती है असली कहानी..
कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर भिखारी जैसी वेशभूषा में था ये शख्स
आज हम जो आपको सच्ची (Truth) और रियल कहानी बताने जा रहे हैं वो बहुत ही मोटीवेशनल है. वहीं आरपीएफ टीम की इंसानियत के लिए आपके दिल से उनके लिए सैल्यूट निकलेगा. इन दिनों गर्मी प्रचण्ड रूप में है हर कोई गर्मी से राहत पाने के लिए पानी से अपनी प्यास बुझाने के लिए लगा हुआ है.
वाक्या कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन (Kanpur Central Railway Station) का है. हमेशा की तरह आरपीएफ के जवान 27 अप्रैल 2024 को भी स्टेशन के समस्त प्लेटफार्म पर गश्त कर रहे थे. प्लेटफार्म के पास डस्टबिन किनारे मौजूद एक शख्स कूड़ेदान से कुछ निकाल रहा था. उस शख्स का हुलिया भिखारी (Beggar) जैसा ही था.
आरपीएफ के जवानों ने पिलाया पानी
क्योंकि गन्दे, फ़टे-कपड़े, बड़ी दाढ़ी और बाल से तो ऐसा ही लग रहा था जैसे कि वह एक भिखारी (Beggar) है. उप निरीक्षक असलम खान, आरती कुमारी व सहायक उपनिरीक्षक हरिशंकर त्रिपाठी स्टेशन परिसर में गश्त कर रहे थे. इसी दौरान आरपीएफ (Rpf) के जवानों की नजर उस शख्स पर पड़ी तो पहले उन्हें शक हुआ कि यह आखिर डस्टबिन से निकाल क्या रहा है.
सभी उसके पास पहुंच गए देखा तो डस्टबिन में खाली पानी की बोतल निकाल रहा था और अपनी प्यास बुझाने का प्रयास कर रहा था, मगर बोतल में इतना पानी नहीं था जिससे उसकी प्यास बुझ सके. आरपीएफ के जवान ने पूछा कि क्या कर रहे हो ये, पहले तो वह घबराया फिर उसने कहा मुझे प्यास लगी है.
भिखारी दिख रहे शख्स ने दिया अंग्रेजी में जवाब
खैर जवानों ने पानी की बोतल लाकर दी जिससे भिखारी लग रहे शख्स ने पानी पीकर प्यास बुझाई और फिर आरपीएफ के जवानों को अंग्रेजी में थैंक्यू वेरी मच (Thankyou Very Much) बोला. उस शख्स की इस तरह की भाषा का प्रयोग फिर आरपीएफ जवानों का माथा ठनका और पूछा कि कौन हो तुम, तो वह रोने लगा.
फिर उसने अपने साथ हुई घटना के बारे में जो बताया उसे सुन सभी दंग रह गए. शक के चलते भी आरपीएफ की टीम उसे पूछताछ के लिए अपने साथ ले आयी. पहले तो वह काफी देर रोता रहा फिर उसने 2 साल तक हुई उसके साथ प्रताड़ना की दास्तां को बताया. भिखारी जैसा दिख रहा शख्स युवक दरअसल एक सम्पन्न परिवार से और पढा-लिखा था उसने अपना नाम महावीर सिंह औरैया जिले के बिधूना निवासी बताया. करीब 2 साल से अपने परिवार से दूर है.
सुनाई दास्तां 2 साल पहले हुआ था अपहरण
उसने बताया कि उसका दो साल पहले अपहरण हो गया था, दरअसल महावीर सिंह वर्ष 2022 में पैसे निकालने बिधूना (Bidhuna) गया था, वहां एटीएम में पैसे नहीं थे तो कुछ दूरी पर जाकर पैसे निकाले जब वह लौट रहा था तो कार सवार लोगों ने उसे कुछ सुंघाकर उसका अपहरण कर लिया और एक अंधेरे कमरे में डाल दिया जब होश आया तो वह समझ नहीं पा रहा था कि वह कहां है, उसने बताया कि उन लोगों में उसके साथ मारपीट और प्रताड़ित किया.
उससे एक खदान में ले जाकर मजदूरी कराई जाती रही. विरोध किया तो मारने लगते थे. किसी तरह महावीर उन लोगों के चंगुल से निकलने में कामयाब रहा, उसने यह भी बताया कि उनकी बोली दक्षिण साइड की थी जो कम समझ में आती थी. जैसे तैसे उसने किसी तरह कई ट्रेनें बदलीं और दरभंगा पहुंचा वहां से फिर वह कानपुर सेंट्रल पहुंच गया.
चंगुल से छूटने के बाद पहुंचा कानपुर सेंट्रल
2 साल तक इतनी प्रताड़ना झेलने के बाद जब यहां कानपुर स्टेशन पहुंचा तो कोई भी उसके हुलिए को देखकर यही कहेगा कि भिखारी ही है. उस दिन बिना कुछ कहे बस वह इस गर्मी से निजात के लिए पानी ढूंढ रहा था, पानी खरीदने के लिए पैसे भी नहीं थे इसलिए उसने डस्टबिन में पड़ी बोतल को उठाना शुरू किया की शायद किसी न किसी मे कुछ पानी बचा हो.
आरपीएफ ने महावीर की जब यह पूरी दास्तान सुनी तो उसके परिजनों के बारे में पूछा और किसी का नम्बर याद हो तो बताने के लिए कहा. महावीर ने अपने भाई रविंद जो गुड़गांव में काम करता है उसका नम्बर दिया.
भाई को फोन पर दी सूचना, परिजनों के छलक पड़े आंसू
आरपीएफ प्रभारी ने दिए गए नम्बर पर फोन मिलवाया और इस मामले से उसके भाई को अवगत कराया, फिर क्या भाई गुड़गांव से सीधे कानपुर आ गया और परिजन बिधूना से आ पहुंचे. जैसे ही परिजनों ने अपने बेटे महावीर को इस हालत में देखा और तो उनकी आंखें खुशी से छलक उठी उनके आंसू इस बात को साफ तौर पर बया कर रहे थे कि 2 साल बाद उनका बेटा उन्हे मिला.
इसके लिए वह भगवान का शुक्रगुजार मान रहे हैं. परिजनों ने बताया कि 2 साल पहले महावीर गायब हो गया था जिसकी रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई थी लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला था फिलहाल तमाम जानकारियों से अवगत होते हुए महावीर को उसके परिजनों को सौंप दिया है. आरपीएफ के जवानों की इस इंसानियत को देखते हुए लोग दिल से उनकी कार्यशाली को सलाम कर रहे हैं.