Magh Purnima 2024 Kab Hai: कब है माघ पूर्णिमा ! गंगा स्नान और दान का बताया गया महत्व, जानें तारीख और शुभमुहूर्त
माघ पूर्णिमा
माघ पूर्णिमा (Magha Purnima) का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है. यह पर्व हिन्दू धर्म के लिए काफी बड़ा पर्व मनाया जाता है. माघ मास का अंतिम दिन कहा जाता है. खास तौर पर इस पूर्णिमा पर पवित्र नदियों में स्नान और दान के साथ ही भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी के पूजन का महत्व है. कोई जातक विधि-विधान से पूजन करता है उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है. हालांकि इस बार यह माघ पूर्णिमा जिसे माघी पूर्णिमा भी कहते हैं वह 24 फरवरी को पड़ रही है.
माघ पूर्णिमा से जुड़ी जानकारी जानें
माघ मास में चलने वाला ये स्नान पौष मास की पूर्णिमा से शुरू होकर माघ पूर्णिमा पर खत्म होता है.चलिए आपको बताएंगे पूर्णिमा का तो हमारे धर्म में महत्व है, लेकिन माघ पूर्णिमा का क्या विशेष महत्व है और यह पूर्णिमा कब पड़ेगी, शुभ मुहूर्त क्या है आगे माघ पूर्णिमा से जुड़ी सभी जानकारियां आप तक इस आर्टिकल के जरिए पहुंचाएंगे.
गंगा स्नान का बड़ा महत्व, गंगा जल में वास करते हैं प्रभू
हमारे हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व है. माघ पूर्णिमा को माघी पूर्णिमा या फाल्गुन पूर्णिमा भी कहते हैं. इस दिन खास तौर पर गंगा स्नान व दान को विशेष माना गया है. क्योंकि भगवान हरि इस दिन गंगा जल में वास करते हैं. यही वजह है कि गंगा स्नान करने से भगवान हरि प्रसन्न होकर जातकों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. इस पर्व को भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी को समर्पित किया गया है. विधि विधान से पवित्र नदियों में स्नान, फिर दान और पूजन करने जातकों पर कृपा बरसती है. इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने से आरोग्य प्रदान होता है. साल में 12 पूर्णिमा आती है उसमें माघ पूर्णिमा का महत्व बड़ा है.
दान का बड़ा महत्व
इस दिन जातकों को श्रद्धा भाव से भोजन, कपड़े व गेंहू दान करना चाहिए. ऐसा करने से श्री हरि कृपा करते हैं. इसके साथ ही गौ दान फलदायी माना गया है. पूर्णिमा पर दान करने से आपके सभी संकट दूर होते हैं, और घर में सुख-समृद्धि आती है.
23 या 24 कब है? माघ पूर्णिमा शुभ मुहूर्त
बात करे कि माघ पूर्णिमा कब है तो यह पूर्णिमा 23 फरवरी 2024 को दोपहर 3 बजकर 36 मिनट से शुरू हो जाएगी. 24 फरवरी को शाम 6 बजकर 3 मिनट पर समाप्त होगी. यानी उदया तिथि के अनुसार माघ पूर्णिमा 24 फरवरी 2024 को मनाई जाएगी.
स्नान दान का शुभमुहूर्त सुबह 5 बजकर 11 बजकर से सुबह 6 बजकर 02 मिनट तक है. क्योंकि 24 फरवरी को चंद्रोदय समय पर पूर्णिमा समाप्त हो रही है इसलिए 23 फरवरी को माघ पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा श्रेष्ठ मानी जायेगी. चंद्रोदय समय शाम 6 बजकर 12 मिनट पर होगा.